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उत्तर प्रदेश के. हिंदी साहित्य संस्था से. साहित्यिक,पत्रकार कविराज अमोल मांढरे सम्मानित


नवचैतन्य टाईम्स वाई(अमोल मांढरे)वाई. 12 फेब्रुवारी-साहित्यिक,पत्रकार कविराज अमोल मांढरे. वाई. जिला. सतारा. महाराष्ट्र..इनकी स्वलिखित. "छत्रपती शिवाजी महाराज चरित्र पूरी दुनिया मे भारत वर्षे का एक आदर्श". इस सर्वोत्कृष्ट  आलेख  को  उत्तर प्रदेश के साहित्य संस्था ने अमोल मांढरे जी को आकर्षक  मेडल, किताब और सन्मानपत्र से सन्मानित किया गया.. श्री मांढरे जी पिछले बहुत सालों से साहित्य क्षेत्र मे उस्फूर्त रूप से कार्यरत हे. महाराष्ट्र मे अनेक वर्तमानपत्र साप्ताहिक और मासिको मे उनके विविध सामाजिक विषयावर प्रबोधनात्मक आलेख प्रकाशित हुए है. श्री अमोल मांढरे की इस सफलता के कारण विविध साहित्यिक मित्र परिवार शिक्षक प्राध्यापक वर्ग और उच्चपदोन के अधिकारों द्वारा उनका अभिनंदन हो रहा है. श्री अमोल मांढरे ने भविष्य मे भी निपक्ष और निर्भीड होकर समाज के साहित्य प्रेमी बडों का आशीर्वाद और विविध जाणकार समाजसेवक समाज प्रबोधन का कार्य हमेशा चालू रखने का दृढ संकल्प किया है. अमोल मांढरे सतारा जिला मध्यवर्ती सहकारी बँक वाई शहर शाखा. इनमे कार्यरत है. ये बँक सहकार क्षेत्र में किसानो और समाज के हर स्तर मे अपनी एक विशेष पेहचान बनाई है.अब तक अमोल जी अनेक राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार से गौरवणीत हुए है.
उनका अनेक राष्ट्रीय काव्यसंग्रह में उस्फूर्त रूप से सहभाग है. उनका साहित्य प्रवास अनेक संघर्ष से भरा हुआ है. वोहमेशा केहते है की, शिक्षा एक शेरनी का दूध है, और उसका फल विद्यार्थियों को भविष्य मे एक दिन जरूर मिलेगा. यह शुभ संदेश अमोल जी आज के युवा वर्ग को देते है. वो ये भी मत रखते है की युवा वर्ग ने उनके करियर मे किसी की अनुकरण न करते हुए, अपनी मेहनत और लगन से खुद की एक अलग और स्वतंत्र पहचान बनानी चाहिये. क्युकी यही खुद की पहचान भविष्य मे कायम और सुरक्षित रहेगी. युवा वर्गने स्वहित के बराबर राष्ट्रहित और समाज हित का कार्य करने की जरूरत है यह विचार और दृढ संकल्प वो रखते है. छत्रपती शिवाजी महाराज, छत्रपती संभाजी महाराज, लोकमान्य टिळक,डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर,स्वातंत्र्यवीर सावरकर, मातोश्री जिजाऊ, स्वामी विवेकानंद, पृथ्वीराज चौहान, झाशी की राणी, इन महापुरुषों की बराबर भगतसिंग राजगुरू इन क्रांतिकारको  के असामान्य त्याग और थोर बलिदान कारणही हमारे भारत देश को स्वतंत्रता मिली है. और यह स्वतंत्रता की अमूल्य किंमत युवा वर्गने हमेशा अपने मन मे पवित्र रूप से जाननी होगी. श्री अमोल मांढरे इन महापुरुषों के आदर्श विचार का अभिमान अपने दिल मे रख कर ही भविष्य मे भी साहित्य क्षेत्र में समाजकार्य हमेशा चालू रखने का दृढ विश्वास बताते है. और पाश्चिमात्य संस्कृती के प्रलोभन को छोडकर हमारी आदर्श भारतीय संस्कृती इसका अभिमान वो हमेशा कायम रखेंगे. कविराज मांढरे जी ने अनेक वर्तमानपत्र, साप्ताहिक,मे समाज प्रबोधन पर विशेष आलेख प्रकाशित किये है. छत्रपती शिवाजी महाराज चरित्र दुनिया मे एक थोर आदर्श, धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज  के आदर्श चरित्र की तेजस्वी ऊर्जा अंगीकाराने, डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर का आदर्श संविधान, जहा गाव वहा ग्रंथालय उपक्रम, वृक्ष लागवड करे भविष्य बनाये, हमारा स्वच्छ निर्मल गाव, भारत वर्ष दुनिया मे विश्वगुरू की नयी पहचान, क्रिकेट सहित और खेलों को भी प्रोत्साहन देना जरुरी, युवा वर्गने महापुरुष का चरित्र अध्ययन करणे, मेक इन इंडिया केंद्रशासन का सही निर्णय, भारत वर्ष की इतिहास,वर्तमान, भविष्य मे महाराष्ट्र राज्य का अनमोल स्थान, कवी वर्गने राष्ट्रहित और समाज प्रबोधन का कार्य करने की प्रतिज्ञा करे, इन जैसे अनेक महत्त्वपूर्ण लेखन पर अपनी विशेष कलम से सामाजिक कार्य किया है.  अनेक साहित्यिक पुरस्कारां से भी सम्मानित किया गया है. और अनेक राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर काव्यसंग्रह संग्रह में उस्फूर्त विशेष सहभाग दिया है.
जय हिंद. जय भारत. जय महाराष्ट्र.
भारत माता की जय.
भारत माता की जय.
कविराज अमोल मांढरे वाई. जिला सातारा. महाराष्ट्र.
Mobile no.7709246740..